वायु प्रदूषण अब दुनिया में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है।हर साल ये समस्या बढ़ रही है।
कई लोगों को ब्रोंकाइटिस और एलर्जी की समस्या हो रही है। बच्चे और बुजुर्ग बीमार भी पड़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ रही है। जिनको पहले से सांस की कोई बीमारी है तो उनकी समस्या बढ़ रही है। ऐसे में इस खराब हवा में सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।
होम्योपैथिक उपचार से भी आप सांस की बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं। होम्योपैथी में ऐसी कई दवाएं हैं जो आपको खांसी, कफ, गले में दर्द और नाक बहना जैसी परेशानी से बचा सकती हैं। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की अन्य बीमारियों के इलाज और बचाव के लिए भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट ले सकते हैं।
होम्योपैथी काफी फायदेमंद है बशर्ते योग्य और अनुभवी चिकित्सक से सलाह और लंबे समय तक इन दवाओं के प्रयोग से बीमारियों को निश्चित खत्म किया जा सकता है। होम्योपैथी में कई दवाएं हैं जैसे सूखी खांसी और सीने में दर्द के लिए आप ब्रायोनिया ले सकते हैं।
खांसी के साथ गले में दर्द के लिए हाइड्रास्टिस है ,सूखी खांसी के लिए स्पोंजिया ले सकते हैं।
इसी तरह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लिए एंटिमोनियम टार्टारिकम, फेफड़ों की बीमारियों के लिए फॉस्फोरस, सांस लेने में दिक्कत के लिए कार्बो वेजिटेबिलिस और हाइड्रास्टिस को आप फेफड़ों की बीमारियों के लिए ले सकते हैं। एक डिस्क्लेमर बार बार देना चाहूंगा की योग्य चिकित्सक से बिना सलाह के दवा बिल्कुल न लें। सब जानते हैं कि होम्योपैथी दवा से कोई हानि नहीं होती परंतु आपके धन की हानि तो संभव ही है और समय के साथ बीमारी बढ़ेगी अलग से।
दवाओं के साथ इसके साथ ही अपनी डाइट में विटामिन C , जिंक और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए केवल होम्योपैथिक कफ सिरप ले सकते हैं।
भाप लेने से भी काफी फायदा मिलता है।
होम्योपैथिक उपचार सांस की बीमारियों के लिए प्रभावी होते हैं, हालांकि इसमें कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत है जो कि अपने नजदीकी चिकित्सक से #परामर्श कर के जरूर पूछें।
दवाओं के साथ-साथ खानपान का ध्यान रखना भी जरूरी है। इस मौसम में ठंडी चीजें जैसे की केला, संतरा और आइसक्रीम खाने से बचना चाहिए।अगर खानपान ठीक रहेगा तो दवाओं भी अच्छा असर करेंगी।
होम्योपैथी से बीमारियों को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। बस जरूरी है इनका कोर्स पूरा करें और सही समय पर सही डोज लें।होम्योपैथी की दवाएं सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर हैं।बच्चों से लेकर बड़ों तक इनका अच्छा असर होता है।
दवाओं लेने के साथ साथ प्रदूषण से बचाव भी जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि बाहर जाते समय आप मास्क जरूर लगाएं। ज्यादा धूल मिट्टी वाले इलाकों में जाने से बचे। खानपान का ध्यान रखें। अपनी दवाओं को समय पर लें।