आज ये सफेद राजकुमारी के ड्रेस में मासूम सी बच्ची जो इतनी शांत और निश्चिंत दिखाई दे रही है असल मे कल बड़ी बुरी स्थिति में थी। इसके चेहरे की शांति एक भयंकर तूफान के गुजर जाने के बाद कि निश्चिंतता को महसूस कराता है।दो दिन पहले अचानक उठे पेट के दर्द में हॉस्पिटल में दर्द की दवाईयों से ही नही बल्कि छः छः इंजेक्शन लगवाने के बावजूद भी दर्द में रत्ती भर का फर्क नही पड़ रहा था।इसकी नानी इसे मेरे पास दर्द से बिलबिलाते अवस्था मे ले कर आयी वो भी किसी के जबर्दस्ती भेजने पर , नानी के चेहरे पर अविश्वास और बदहवास दोनों लक्षण थे। दरअसल उसे लग रहा था कि जो काम 6 इंजेक्शन लगवाने के बावजूद नही हो पा रहा था वो भला चीनी की गोली वाली दवा क्या करेगी और करेगी भी तो समय लगेगा क्योकि दुनिया जानती है कि होम्योपैथी देर से काम करती है।खैर ये मेरे लिए एक अवसर था, अपनी होम्योपैथी को श्रेष्ठ साबित करने की।मरीज़ के लक्षणों को ध्यान से समझने पर मुझे संभवतः एक्यूट अपेंडिक्युलर इन्फेक्शन लग रहा था।मैंने तुरंत मरीज को belladona 200 और iris tenex 30 को 2-2 मिनट पर तीन खुराक बारी बारी से दिया । हिसाब लगा लीजिये कुल मिलाकर 10वा मिनट पार नही हुआ औरदर्द का तूफान थम चुका था ,होम्योपैथी फिर से जीत चुकी थी। मित्रों इसमें प्रशंसा मेरा नही ये चमत्कार होम्योपैथी का है।
होम्योपैथी में दवा का चयन भी एक महत्वपूर्ण विषय है। कभी भी सामान्य व्यक्ति खुद से या बिना उचित जानकारी के दवा नही ले अपितु अपने नजदीकी होम्योपैथिक चिकित्सक से मिल के उचित सलाह लें।यकीन मानिए आप भी चमत्कार को नमस्कार जरूर करेंगे।
शेष फिर
✍️… Dr Giriraj Singh